तेरे दिल के - DARD BHARI SHAYARI
तेरे दिल के करीब,
आना चाहता हूँ मैं...
तुझको नहीं और अब,
खोना चाहता हूँ मैं...
अकेले इस तन्हाई का दर्द,
बर्दाश्त नहीं होता...
तू एक बार फिर से आजा,
तुझसे लिपट कर
रोना चाहता हूँ मैं..
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